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क्या हैं किसानों की मांगे और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें कैसे बदल सकती हैं उनकी किस्मत

 

मुंबईमुंबई के आजाद मैदान में 50 हजार किसानों का महामोर्चा पहुंच गया है. इधर किसानों से बात करने के लिए महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस भी तैयार हैं. इसके अलावा उन्होंने 6 मंत्रियों की एक समिति भी बनाई है जो किसानों की मांगों पर बातचीत करेगी. इन मंत्रियो में चंद्रकांत पाटिल, पांडुरंग फुडकर, गिरीश महाजन, विष्णु सवारा, सुभाष देशमुख और एकनाथ शिंदे शामिल हैं. किसानों के इस प्रदर्शन को शिवसेना का भी समथर्न मिल रहा है. शिवसेना आदित्य ठाकरे किसानों से मुलाकात की है. आपको बता दें कि किसानों के इस आंदोलन को भाकपा के किसान  अखिल भारतीय किसान सभा का पूरा सहयोग मिल रहा है. मार्च मंगलवार को नासिक से मुंबई के लिए रवाना हुआ था. हाथों में लाल झंडा थामे ये किसान ऑल इंडिया किसान सभा समेत तमाम संगठनों से जुड़े हैं. इस मार्च में किसानों के साथ खेतिहर मज़दूर और कई आदिवासी शामिल हैं. इनकी प्रमुख मांगों में कर्ज़माफी ले लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू करना शामिल है. किसानों का कहना है कि फडणवीस सरकार ने पिछले साल किया 34000 करोड़ का कर्ज़ माफी का वादा अब तक पूरा नहीं किया है.

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वहीं मुंबई नगरपालिका ने आज़ाद मैदान में किसान मोर्चा के लिए ख़ास इंतज़ाम किए हैं. 40 सीटों वाला टॉयलेट, पानी के 4 टैंकर, एंबुलेंस का इंतज़ाम किया गया है. मंत्रालय और आज़ाद मैदान के आसपास के सार्वजनिक शौचालयों को अगले दो दिन तक मुफ़्त सेवा देने के  निर्देश हैं. साथ ही आज़ाद मैदान में साफ़ सफ़ाई के लिए अतिरिक्त लोगों को लगाया गया है.

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क्या हैं किसानों की मांगे
सरकारी वादे के मुताबिक क़र्ज़ माफ़ हो, बिजली बिल माफ़ किया जाए, फ़सल की डेढ़ गुना क़ीमत मिले, स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशें लागू हों, कपास में नुक़सान पर प्रति एकड़ 40 हज़ार मुआवज़ा मिले, ओले से नुक़सान पर प्रति एकड़ 40 हज़ार मुआवज़ा मिले.

क्या हैं स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशें
भूमि सुधारों को बढ़ावा मिले,  अतिरिक्त और बेकार ज़मीन भूमिहीनों में बांटना, किसानों की आत्महत्या की समस्या हल हो, न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से 50% ज़्यादा हो, वित्त-बीमा की स्थिति पुख़्ता बनाने पर ज़ोर, राज्य स्तरीय किसान आयोग बने, किसानों की सेहत सुविधाएं बढ़ें.

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