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केंद्र के 67 हजार इम्प्लॉइज के सर्विस रिकॉर्ड का रिव्यू शुरू, नॉन-परफॉर्मर्स की खोज

नई दिल्ली.

सरकार अपने 67 हजार इम्प्लॉइज के सर्विस रिकॉर्ड का रिव्यू करना शुरू किया है। इनमें IAS और IPS अफसर भी शामिल हैं। इस रिव्यू के जरिए सरकार की कोशिश नॉन परफॉर्मर्स को तलाश करना है ताकि सर्विसेस को इम्प्रूव किया जा सके और गवर्नेंस सिस्टम बेहतर हो। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के एक सीनियर अफसर ने कहा, “इस प्रॉसेस के जरिए उन लोगों को पनिश्मेंट भी मिल सकता है, जिन्होंने अपने लिए तय आचरण संहिता का सही ढंग से पालन नहीं किया है

ईमानदार अफसरों को सही माहौल मिले- केंद्र …..

अफसर ने कहा, “केंद्र सरकार के करीब 67000 इम्प्लॉइज का सर्विस रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। इनमें इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS), इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) और इंडियन रेवेन्यू सर्विस जैसे ए ग्रुप के अफसर भी शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने न्यूज एजेंसी से कहा, “एक तरफ सरकार कार्यक्षमता का स्तर ऊंचा उठाने और करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है तो दूसरी ओर ऐसा माहौल भी बनाने की कोशिश कर रही है, जो ईमानदार अफसरों के अनुकूल हो।

इम्प्लॉइज को सरकार ने सहूलियतें दीं- सिंह

सिंह ने कहा, “सरकार समय-समय पर अपने कर्मचारियों की परफॉर्मेंस का रिव्यू करती है। इसके साथ ही ईमानदार इम्प्लॉइज को बढ़ावा भी देती है। एनडीए सरकार के 3 साल के कार्यकाल के दौरान इम्प्लॉइज को काफी सहूलियतें दी गई हैं। इनमें ट्रांसफर पॉलिसी, लीट ट्रैवल कंसेशन जैसी चीजें शामिल हैं।”
“सरकार ने एक मैकेनिज्म डेवलप किया है ताकि अफसरों की परफॉर्मेंस के अलावा प्रमोशन और इम्पैनलमेंट (मनोनयन) के लिए उनकी योग्यता को भी परखा जा सके।”
129 इम्प्लॉइज को दिया था कम्पलसरी रिटायरमेंट
केंद्र ने पिछले साल 129 ऐसे इम्प्लॉइज को कम्पलसरी रिटायरमेंट दिया था, जो नॉन परफॉर्मर थे। इन इम्प्लॉइज में IAS-IPS भी शामिल थे।
नियमों के मुताबिक, केंद्र सरकार के इम्प्लॉई की परफॉर्मेंस का रिव्यू दो बार किया जाता है। पहली बार सर्विस पाने के 15 साल बाद और फिर 25 साल बाद। मौजूदा डाटा के मुताबिक सेंट्रल गवर्नमेंट के इम्प्लॉइज की तादाद करीब 48.85 लाख है।

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